Monday, 3 July 2017

Mera pyar .....

ना जाने अब हमें हुआ क्या है?
तुम बताओ मुझमें नया क्या है|
ये दिल भी जिसे समझ न सका,
इन आँखों से तुमने कहा क्या है|
तुम सामने होकर भी मेरी नहीं लगती,
बताओ इससे बड़ी मुझे सजा क्या है?
हर गजल में जिक्र सिर्फ तुम्हारा है,
बताओ तुमसे कुछ अब छिपा क्या है?
कभी फुरसत मिले तो खुद आकर देखना,
मैनें तुम्हारे लिए दिल पर लिखा क्या है?
इश्क में तुमसे हम साफ कहते है,
तुम बता दो इसमें हमारी खता क्या है???


Tuesday, 23 May 2017

Read this heartful story...

एक छोटे से शहर के प्राथमिक स्कूल में कक्षा 5 की शिक्षिका थीं।
उनकी एक आदत थी कि वह कक्षा शुरू करने से पहले हमेशा "आई लव यू ऑल" बोला करतीं। मगर वह जानती थीं कि वह सच नहीं कहती । वह कक्षा के सभी बच्चों से उतना प्यार नहीं करती थीं।
कक्षा में एक ऐसा बच्चा था जो उनको एक आंख नहीं भाता। उसका नाम राजू था। राजू मैली कुचेली स्थिति में स्कूल आजाया करता है। उसके बाल खराब होते, जूतों के बन्ध खुले, शर्ट के कॉलर पर मेल के निशान। । । व्याख्यान के दौरान भी उसका ध्यान कहीं और होता।
मिस के डाँटने पर वह चौंक कर उन्हें देखता तो लग जाता..मगर उसकी खाली खाली नज़रों से उन्हें साफ पता लगता रहता.कि राजू शारीरिक रूप से कक्षा में उपस्थित होने के बावजूद भी मानसिक रूप से गायब हे.धीरे धीरे मिस को राजू से नफरत सी होने लगी। क्लास में घुसते ही राजू मिस की आलोचना का निशाना बनने लगता। सब बुराई उदाहरण राजू के नाम पर किये जाते. बच्चे उस पर खिलखिला कर हंसते.और मिस उसको अपमानित कर के संतोष प्राप्त करतीं। राजू ने हालांकि किसी बात का कभी कोई जवाब नहीं दिया था।
मिस को वह एक बेजान पत्थर की तरह लगता जिसके अंदर महसूस नाम की कोई चीज नहीं थी। प्रत्येक डांट, व्यंग्य और सजा के जवाब में वह बस अपनी भावनाओं से खाली नज़रों से उन्हें देखा करता और सिर झुका लेता । मिस को अब इससे गंभीर चिढ़ हो चुकी थी।
पहला सेमेस्टर समाप्त हो गया और रिपोर्ट बनाने का चरण आया तो मिस ने राजू की प्रगति रिपोर्ट में यह सब बुरी बातें लिख मारी । प्रगति रिपोर्ट माता पिता को दिखाने से पहले हेड मिसट्रेस के पास जाया करती थी। उन्होंने जब राजू की रिपोर्ट देखी तो मिस को बुला लिया। "मिस प्रगति रिपोर्ट में कुछ तो प्रगति भी लिखनी चाहिए। आपने तो जो कुछ लिखा है इससे राजू के पिता इससे बिल्कुल निराश हो जाएंगे।" "मैं माफी माँगती हूँ, लेकिन राजू एक बिल्कुल ही अशिष्ट और निकम्मा बच्चा है । मुझे नहीं लगता कि मैं उसकी प्रगति के बारे में कुछ लिख सकती हूँ। "मिस घृणित लहजे में बोलकर वहां से उठ आईं।
हेड मिसट्रेस ने एक अजीब हरकत की। उन्होंने चपरासी के हाथ मिस की डेस्क पर राजू की पिछले वर्षों की प्रगति रिपोर्ट रखवा दी । अगले दिन मिस ने कक्षा में प्रवेश किया तो रिपोर्ट पर नजर पड़ी। पलट कर देखा तो पता लगा कि यह राजू की रिपोर्ट हैं। "पिछली कक्षाओं में भी उसने निश्चय ही यही गुल खिलाए होंगे।" उन्होंने सोचा और कक्षा 3 की रिपोर्ट खोली। रिपोर्ट में टिप्पणी पढ़कर उनकी आश्चर्य की कोई सीमा न रही जब उन्होंने देखा कि रिपोर्ट उसकी तारीफों से भरी पड़ी है। "राजू जैसा बुद्धिमान बच्चा मैंने आज तक नहीं देखा।" "बेहद संवेदनशील बच्चा है और अपने मित्रों और शिक्षक से बेहद लगाव रखता है।" "
अंतिम सेमेस्टर में भी राजू ने प्रथम स्थान प्राप्त कर लिया है। "मिस ने अनिश्चित स्थिति में कक्षा 4 की रिपोर्ट खोली।" राजू ने अपनी मां की बीमारी का बेहद प्रभाव लिया। .उसका ध्यान पढ़ाई से हट रहा है। "" राजू की माँ को अंतिम चरण का कैंसर हुआ है। । घर पर उसका और कोई ध्यान रखनेवाला नहीं है.जिसका गहरा प्रभाव उसकी पढ़ाई पर पड़ा है। ""
राजू की माँ मर चुकी है और इसके साथ ही राजू के जीवन की चमक और रौनक भी। । उसे बचाना होगा...इससे पहले कि बहुत देर हो जाए। "मिस के दिमाग पर भयानक बोझ हावी हो गया। कांपते हाथों से उन्होंने प्रगति रिपोर्ट बंद की । आंसू उनकी आँखों से एक के बाद एक गिरने लगे.
अगले दिन जब मिस कक्षा में दाख़िल हुईं तो उन्होंने अपनी आदत के अनुसार अपना पारंपरिक वाक्यांश "आई लव यू ऑल" दोहराया। मगर वह जानती थीं कि वह आज भी झूठ बोल रही हैं। क्योंकि इसी क्लास में बैठे एक उलझे बालों वाले बच्चे राजू के लिए जो प्यार वह आज अपने दिल में महसूस कर रही थीं..वह कक्षा में बैठे और किसी भी बच्चे से हो ही नहीं सकता था । व्याख्यान के दौरान उन्होंने रोजाना दिनचर्या की तरह एक सवाल राजू पर दागा और हमेशा की तरह राजू ने सिर झुका लिया। जब कुछ देर तक मिस से कोई डांट फटकार और सहपाठी सहयोगियों से हंसी की आवाज उसके कानों में न पड़ी तो उसने अचंभे में सिर उठाकर उनकी ओर देखा। अप्रत्याशित उनके माथे पर आज बल न थे, वह मुस्कुरा रही थीं। उन्होंने राजू को अपने पास बुलाया और उसे सवाल का जवाब बताकर जबरन दोहराने के लिए कहा। राजू तीन चार बार के आग्रह के बाद अंतत:बोल ही पड़ा। इसके जवाब देते ही मिस ने न सिर्फ खुद खुशान्दाज़ होकर तालियाँ बजाईं बल्कि सभी से भी बजवायी.. फिर तो यह दिनचर्या बन गयी। मिस हर सवाल का जवाब अपने आप बताती और फिर उसकी खूब सराहना तारीफ करतीं। प्रत्येक अच्छा उदाहरण राजू के कारण दिया जाने लगा । धीरे-धीरे पुराना राजू सन्नाटे की कब्र फाड़ कर बाहर आ गया। अब मिस को सवाल के साथ जवाब बताने की जरूरत नहीं पड़ती। वह रोज बिना त्रुटि उत्तर देकर सभी को प्रभावित करता और नये नए सवाल पूछ कर सबको हैरान भी।
उसके बाल अब कुछ हद तक सुधरे हुए होते, कपड़े भी काफी हद तक साफ होते जिन्हें शायद वह खुद धोने लगा था। देखते ही देखते साल समाप्त हो गया और राजू ने दूसरा स्थान हासिल कर लिया यानी दूसरी क्लास ।
विदाई समारोह में सभी बच्चे मिस के लिये सुंदर उपहार लेकर आए और मिस की टेबल पर ढेर लग गये । इन खूबसूरती से पैक हुए उपहार में एक पुराने अखबार में बद सलीके से पैक हुआ एक उपहार भी पड़ा था। बच्चे उसे देखकर हंस पड़े। किसी को जानने में देर न लगी कि उपहार के नाम पर ये राजू लाया होगा। मिस ने उपहार के इस छोटे से पहाड़ में से लपक कर उसे निकाला। खोलकर देखा तो उसके अंदर एक महिलाओं की इत्र की आधी इस्तेमाल की हुई शीशी और एक हाथ में पहनने वाला एक बड़ा सा कड़ा था जिसके ज्यादातर मोती झड़ चुके थे। मिस ने चुपचाप इस इत्र को खुद पर छिड़का और हाथ में कंगन पहन लिया। बच्चे यह दृश्य देखकर हैरान रह गए। खुद राजू भी। आखिर राजू से रहा न गया और मिस के पास आकर खड़ा हो गया। ।
कुछ देर बाद उसने अटक अटक कर मिस को बताया कि "आज आप में से मेरी माँ जैसी खुशबू आ रही है।"
समय पर लगाकर उड़ने लगा। दिन सप्ताह, सप्ताह महीने और महीने साल में बदलते भला कहां देर लगती है? मगर हर साल के अंत में मिस को राजू से एक पत्र नियमित रूप से प्राप्त होता जिसमें लिखा होता कि "इस साल कई नए टीचर्स से मिला।। मगर आप जैसा कोई नहीं था।" फिर राजू का स्कूल समाप्त हो गया और पत्रों का सिलसिला भी। कई साल आगे गुज़रे और मिस रिटायर हो गईं। एक दिन उन्हें अपनी मेल में राजू का पत्र मिला जिसमें लिखा था:
"इस महीने के अंत में मेरी शादी है और आपके बिना शादी की बात मैं नहीं सोच सकता। एक और बात .. मैं जीवन में बहुत सारे लोगों से मिल चुका हूं।। आप जैसा कोई नहीं है.........डॉक्टर राजू
साथ ही विमान का आने जाने का टिकट भी लिफाफे में मौजूद था। मिस खुद को हरगिज़ न रोक सकती थीं। उन्होंने अपने पति से अनुमति ली और वह दूसरे शहर के लिए रवाना हो गईं। शादी के दिन जब वह शादी की जगह पहुंची तो थोड़ी लेट हो चुकी थीं। उन्हें लगा समारोह समाप्त हो चुका होगा.. मगर यह देखकर उनके आश्चर्य की सीमा न रही कि शहर के बड़े डॉ, बिजनेसमैन और यहां तक कि वहां पर शादी कराने वाले पंडितजी भी थक गये थे. कि आखिर कौन आना बाकी है. मगर राजू समारोह में शादी के मंडप के बजाय गेट की तरफ टकटकी लगाए उनके आने का इंतजार कर रहा था। फिर सबने देखा कि जैसे ही यह पुरानी शिक्षिका ने गेट से प्रवेश किया राजू उनकी ओर लपका और उनका वह हाथ पकड़ा जिसमें उन्होंने अब तक वह सड़ा हुआ सा कंगन पहना हुआ था और उन्हें सीधा मंच पर ले गया। माइक हाथ में पकड़ कर उसने कुछ यूं बोला "दोस्तों आप सभी हमेशा मुझसे मेरी माँ के बारे में पूछा करते थे और मैं आप सबसे वादा किया करता था कि जल्द ही आप सबको उनसे मिलाउंगा।। यह मेरी माँ हैं"
_____
इस कहानी को सिर्फ शिक्षक और शिष्य के रिश्ते के कारण ही मत सोचिएगा । अपने आसपास देखें, राजू जैसे कई फूल मुरझा रहे हैं जिन्हें आप का जरा सा ध्यान, प्यार और स्नेह नया जीवन दे सकता है |

Saturday, 25 March 2017

Modi & Obama Neeti..

*मोदी* : आपने अमेरिका को
इतना प्रगतिशील कैसे बनाया?
.
*ओबामा* : यह सब भारत की वजह से संभव हुआ है!!!!!!
.
*मोदी* : भारत की वजह से ??
वह कैसे ?
.
*ओबामा* : आप अपने यहां
आरक्षण वालों को पहले नौकरी देते हैं…
और बाद में जो टैलेंटेड लोग बच जाते हैं
उन्हें हम नौकरी दे देते हैं
🏻👌🏻👌🏻👌🏻

Thursday, 23 March 2017

Tributes to my soldier...

याद करके देख उस लड़के की वीरता ,
जो बीस की उमर तक हज़ारो को चीरता ।

आज़ाद इरादे और कठोरता को चुन ,
क्रान्तियों के नशों में होता ये गुम । 

#लिखने _वाले_लिखते_रहेंगे_तेरे_गीत 
#SaheedDiwas #heros #23march1931

Wednesday, 22 March 2017

Jai shri ram..

 तेल लगाओ डाबर का नाम मिटाओ बाबर का,
 फल खाओ आम का और मंदिर बनाओ श्री राम का !
 मक्का वाले मक्का जाओ, खुदा मिलेंगे मदीने में,
 यहाँ तो हनुमान के दीवाने है,श्री राम मिलेंगे हर सीने में,🚩

Sunday, 19 March 2017

Modern Ravan..

जब भगवान राम ने लंका की लड़ाई में रावण के परिवार का नाश कर दिया
,
तो
,
रावण के परिवार की 'मृत आत्मायें' भगवान राम के पासआईं और बोलीं, "प्रभु!!!"


आपने हमारा पूरा वंश नाश कर दिया है,


कम से कम ये तो बता दो कि हम ऐसा 'तांडव' दोबारा कब कर पायेंगे?



तब प्रभु राम बोले, कि 'कलियुग' में
आप हमारे अयोध्या राज्य के 'सैफई' नामक ग्राम में जन्म लोगे,

और
,
'रावण' की ओर इशारा करते हुये कहा:- आपका नाम मुलायम होगा
 और
आप राज्य के मुख्यमंत्री  होंगे।
,
तभी 'कुम्भकरण' बोले, प्रभु ! मेरा क्या नाम होगा?

तब

प्रभु राम ने कहा:- कि आपको लोग 'शिवपाल' के नाम से जानेंगे  
और
आप हमेशा राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त करेंगे।

तभी 'मेघनाथ' मुस्कराते हुये आगे बढ़े और बोले,प्रभु! मैं तो 'युवराज' हूँ !

तब प्रभु! राम ने कहा तुम तब भी युवराज ही रहोगे और तुम्हारा नाम 'अखिलेश' होगा और तुम सन् २०१२ में जनता को 'मूर्ख' बनाकर धोखे से राज्य के 'मुख्यमंत्री' बनोगे और तुम इस वंश के आखिरी शाषक होंगे।

 ये सब कहकर जब प्रभु! राम वापस जाने लगे तभी सूपनखा उनके पास आयी और बोली, "प्रभु।

आपने मेरे संपूर्ण परिवार का नाश कर दिया।
अब मेरा क्या होगा?"

भगवान राम बोले, "तुम भी कलियुग में मेरी अयोध्या पर राज करोगी।
,
 उस समय तुम्हारा नाम मायावती होगा परन्तु विवाह तुम्हारा तब भी नहीं होगा।"
,
तभी मायावी मारीच बोला मेरा क्या होगा प्रभू

प्रभू बोले...
तुम तब भी मायावी, ड्रामेबाज़ , धोखेबाज़ रहोगे

लोग तुम्हें केजरीवाल के नाम से जानेंगे

Saturday, 18 March 2017

Dosto ki yade...

Harivansh Rai Bachhan's poem on friendship:


.....मै यादों का
किस्सा खोलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत
याद आते हैं....

...मै गुजरे पल को सोचूँ
तो, कुछ दोस्त
बहुत याद आते हैं....

.....अब जाने कौन सी नगरी में,
आबाद हैं जाकर मुद्दत से....

....मै देर रात तक जागूँ तो ,
कुछ दोस्त
बहुत याद आते हैं....

....कुछ बातें थीं फूलों जैसी,
....कुछ लहजे खुशबू जैसे थे,
....मै शहर-ए-चमन में टहलूँ तो,
....कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.

....सबकी जिंदगी बदल गयी,
....एक नए सिरे में ढल गयी,

....किसी को नौकरी से फुरसत नही...
....किसी को दोस्तों की जरुरत नही....

....सारे यार गुम हो गये हैं...
.... "तू" से "तुम" और "आप" हो गये है....

....मै गुजरे पल को सोचूँ
तो, कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं....

...धीरे धीरे उम्र कट जाती है...
...जीवन यादों की पुस्तक बन जाती है,
...कभी किसी की याद बहुत तड़पाती है...
और कभी यादों के सहारे ज़िन्दगी कट जाती है ...

.....किनारो पे सागर के खजाने नहीं आते,
....फिर जीवन में दोस्त पुराने नहीं आते...

.....जी लो इन पलों को हस के दोस्त,
फिर लौट के दोस्ती के जमाने नहीं आते ....