कहते हैं कि यमराज इतने व्यस्त रहते थे, कि कभी बहन यमुना के घर नहीं जा पाते थे। इस पर यमुना को बहुत दुःख होता था। एक बार कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीय को यमराज अचानक यमुना के घर पहुंचे, तो यमुना बहुत प्रसन्न हुईं और यमराज की खूब आवभगत की। यमराज ने प्रसन्न हो कर वर दिया कि आज के दिन बहन के घर भोजन करने वाले को यम का भय न होगा और उनकी आयु में वृद्धि होगी। इस परंपरा के माध्यम से हर भाई-बहन के बीच स्नेह बढे, इस प्रार्थना के साथ आप सबको भाई दूज पर्व की अनंत शुभकामनाएँ। साथ ही आप सब के लिए चित्रगुप्त पूजनोत्सव की मंगलकामना।