Monday, 3 July 2017

Mera pyar .....

ना जाने अब हमें हुआ क्या है?
तुम बताओ मुझमें नया क्या है|
ये दिल भी जिसे समझ न सका,
इन आँखों से तुमने कहा क्या है|
तुम सामने होकर भी मेरी नहीं लगती,
बताओ इससे बड़ी मुझे सजा क्या है?
हर गजल में जिक्र सिर्फ तुम्हारा है,
बताओ तुमसे कुछ अब छिपा क्या है?
कभी फुरसत मिले तो खुद आकर देखना,
मैनें तुम्हारे लिए दिल पर लिखा क्या है?
इश्क में तुमसे हम साफ कहते है,
तुम बता दो इसमें हमारी खता क्या है???