मैंने माँ से कहा..
तेरे लिए मेरी क्या क़ीमत है।
माँ बोली..बेटा तू लाखो मै नहीं करोड़ो मै है।
मै बोला माँ से .....करोड़ मे से 200 रु दे दे नेट पैक डलवाऊंगा...
दे थप्पड़..दे थप्पड़ ..दे थप्पड़।
अगले दिन फिर
: मां - बेटा, तुम तो पढ़ने में बड़े होशियार हो फिर ट्यूशन वाले को रखने की क्या जरूरत है?
बेटा- मां, तुम भी तो घर का काम करने में होशियार हो फिर काम वाली बाई को रखने की क्या जरूरत...
फिर क्या ...
दे चप्पल दे चप्पल
अगले दिन फिर
बेटा -,"माँ मुझे 100 रुपए चाहिए थोडा काम है।
माँ,"क्यों?अभी परसो ही तो दिए थे।पहले उसका हिसाब दो।
लड़का,"माँ अगर हिसाब ही होना है तो उसका भी हो जब बचपन में रिश्तेदार दे जाते थे और आप रख लेते थे।
माँ-दे चप्पल दे चप्पल,,,
माँ: बेटा क्या कर रहा है?
बेटा: पढ़ रहा हूँ!
माँ: अरे वाह! क्या पढ़ रहा है?
बेटा: आप की होने वाली बहू के मेसेज*
*140 किमी/घण्टा की रफ़्तार से उड़ता हुआ चप्पल कनपटी पर लगा
- मेरे लाल, तेरी आँखों में क्यों नमी है..?
मैं :- मेरी माँ, तेरे घर में बहू की कमी है...
*दे चप्पल, दे चप्पल*
टीचर :- एक तरफ पैसा,
दुसरी तरफ अक्कल, क्या चुनोगे ?
विद्यार्थीः पैसा.
टीचर :- गलत,मै अक्कल
चुनती
विद्यार्थीः- आप सही कह रही हो मेडम,
जिसके पास जिस चीज की कमी होती है वो वही चुनता है ...............
दे थप्पड़ दे थप्पड़ ........
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